पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ मदरसों से बाहर आ रही है कहानियाà¤
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Rajeev ChoudharyDate
27-Jul-2020Category
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बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का शोषण किसी à¤à¥€ रूप में और कहीं à¤à¥€ हो सकता है लेकिन पिछले कà¥à¤› सालों में जिस तरह दकà¥à¤·à¤¿à¤£ à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾ में खासकर मदरसे शोषण का केंदà¥à¤° बनकर उà¤à¤°à¤¤à¥‡ जा रहे है इससे यह बात साफ हो जाती कि मजहबी पढाई के पीछे मदरसों के अनà¥à¤¦à¤° सब कà¥à¤› ठीक नहीं चल रहा है.
वहां मासूमों की बेबसी है, आंसू और चीखें है लेकिन मजहबी चहारदीवारी के अनà¥à¤¦à¤° घà¥à¤Ÿà¤•à¤° दम तोड़ देने वाली कहानियाठहै, पिछले दिनों लखनऊ के à¤à¤• मदरसे में लंबे समय से शोषित हो रही 51 छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं को मà¥à¤•à¥à¤¤ कराया गया था और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¥œà¤¿à¤¤ करने के आरोप में मदरसा संचालक को गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤° करके जेल à¤à¥‡à¤œà¤¾ गया था.
अब इसी तरह मजहबी लोकतांतà¥à¤°à¤¿à¤• देश पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के मदरसों के बंद कमरों से दिल दहलाने वाली कहानियां बाहर आ रही हैं, इन बंद कमरों में लंबी दाà¥à¥€, सिर पर टोपी, हाथ में तसबीह धरे लोग न जाने कितने मासूमों की जिंदगी में रोजाना जहर घोल रहे हैं, बचà¥à¤šà¥‡ मदरसों की इन काल कोठरियों से छूटकर जब बाहर आते हैं तो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सामानà¥à¤¯ होने में वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ लग जाता है..
असल में पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में 22 हजार मदरसे हैं, जिनमें 20 लाख से अधिक बचà¥à¤šà¥‡ शिकà¥à¤·à¤¾ गà¥à¤°à¤¹à¤£ करते हैं, यहां पà¥à¤¾à¤¨à¥‡ वाले अधिकांश मौलवी और मौलानाओं का वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ वहशियाना ही होता है, चूंकि मदरसों पर नजर रखने के लिठपाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में कोई केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ निकाय या केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•à¤°à¤£ नहीं है, इस लिठबचà¥à¤šà¥‡-बचà¥à¤šà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¥œà¤¿à¤¤ करने वाले मौलवी, मौलानाओं का कोई बाल बांका नहीं कर पाया. उनके शिकार बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के मां-बाप पहले तो लाज शरà¥à¤® से कोरà¥à¤Ÿ-कचहरी जाना पसंद नहीं करते. यदि कोई हिमà¥à¤®à¤¤ दिखाता à¤à¥€ है तो उनकी सà¥à¤¨à¤µà¤¾à¤ˆ नहीं होती, कई बार जब कोई इनके खिलाफ आगे बà¥à¤¨à¥‡ की कोशिश करता है तो मौलवियों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उस पर इसà¥à¤²à¤¾à¤® की निंदा या अपमान का आरोप लगा दिया जाता है, à¤à¤• बार को इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨ वहां फांसी से बच सकता है लेकिन ईशनिंदा के आरोप लगने पर पूरे परिवार की जान आफत में जाती है इसी कारण जब मामले की जांच की जाती है तो बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के परिवार वाले दबाव या किसी मजबूरी के तहत पीछे हट जाते हैं.
दरअसल पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के मौलवी अकà¥à¤¸à¤° रूà¥à¥€à¤µà¤¾à¤¦à¥€ परिवार के बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को शिकार बनाते है, ताकि शरà¥à¤® से कोई बखेड़ा न कर सके. मदरसों में आरà¥à¤¥à¤¿à¤• रूप से कमजोर वरà¥à¤— के बचà¥à¤šà¥‡ पà¥à¤¤à¥‡ हैं, जिनके मां-बाप रोजी-रोटी के चकà¥à¤•à¤° में हर तरह के विवाद से दूर रहना चाहते हैं, हालांकि à¤à¤¸à¥€ घटनाओं में निरंतर आ रही वृदà¥à¤§à¤¿ के चलते इस वरà¥à¤· 31 जनवरी को पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की राजधानी इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ में बड़ा पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ हà¥à¤† था, इसके बावजूद दागी मदरसों या मौलवियों के खिलाफ अब तक कोई कारà¥à¤°à¤µà¤¾à¤ˆ नहीं की गई है.
इसके अलावा पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में शिकà¥à¤·à¤¾ और शिकà¥à¤·à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ बड़ी दयनीय है, इसे सिंध पà¥à¤°à¤¾à¤‚त के सà¥à¤•à¥‚ल की दशा से à¤à¥€ समà¤à¤¾ जा सकता है, सिंध के 17,701 सरकारी सà¥à¤•à¥‚ल में मातà¥à¤° à¤à¤• विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ का टीचर है तथा अनà¥à¤¯ सà¥à¤•à¥‚लों में à¤à¥€ देखें तो केवल 9 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ में विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ शिकà¥à¤·à¤• हैं, à¤à¤¸à¥‡ में पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के मदरसों à¤à¤µà¤‚ मजहबी सà¥à¤•à¥‚लों की दशा कà¥à¤¯à¤¾ होगी, आसानी से समà¤à¤¾ जा सकता है कि वहां से आतंक की फौज निकलेगी या शिकà¥à¤·à¤•à¥‹à¤‚ की.
पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के मदरसों में बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ से दà¥à¤·à¥à¤•à¤°à¥à¤® के थानों में दरà¥à¤œ मामलों का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ करने वाले पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° जार खान, असीम तनवीर और रियाज खान ने इस पर à¤à¤• वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• रिपोरà¥à¤Ÿ तैयार की है। इसके मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤•, पूरे पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के मदरसों में पà¥à¤¾à¤¨à¥‡ वाले मौलवियों पर यौन उतà¥à¤ªà¥€à¥œà¤¨, बलातà¥à¤•à¤¾à¤° और शारीरिक शोषण का आरोप है। कई पà¥à¤²à¤¿à¤¸ अधिकारी मानते हैं कि मà¥à¤•à¤¦à¤®à¤¾ दरà¥à¤œ कराने के बावजूद अà¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤•à¥‹à¤‚ के पीछे हट जाने से आज तक पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के किसी मदरसे के मौलवी को सजा नहीं हो पाई है। इस देश में मौलवी सियासी और सामाजिक तौर पर à¤à¥€ अब काफी शकà¥à¤¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤²à¥€ हो चà¥à¤•à¥‡ हैं, जिस पर हाथ डालना किसी à¤à¥€ सरकार के लिठसंà¤à¤µ नहीं है। ताजा उदाहरण बà¥à¤¤à¥‡ कोरोना संकà¥à¤°à¤®à¤£ के बीच मà¥à¤²à¥à¤²à¤¾à¤•à¥ƒà¤®à¥Œà¤²à¤µà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के दबाव में लॉकडाउन के बीच नमाज के लिठमसà¥à¤œà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ को खोलने के लिठइमरान खान सरकार को राजी होना पड़ा था. मà¥à¤²à¥à¤²à¤¾-मौलवियों के दबाव के चलते ही सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ से ईशनिंदा के आरोप से बरी होने के बावजूद à¤à¤• ईसाई महिला को पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ छोड़कर जाना पड़ा था.
ये किसà¥à¤¸à¥‡ महज à¤à¤• दो या चार नहीं है, समाचार à¤à¤œà¥‡à¤‚सी à¤à¤ªà¥€ की रिपोरà¥à¤Ÿ देखें तो पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के अखबारों में बीते 10 साल में मौलवियों या उलेमाओं के यौन दà¥à¤°à¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° के 359 मामलों की रिपोरà¥à¤Ÿà¤¿à¤‚ग हà¥à¤ˆ. नाबालिगों के साथ होने वाले यौन दà¥à¤°à¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° के खिलाफ लड़ने वाली संसà¥à¤¥à¤¾ साहिल की à¤à¤•à¥à¤œà¥€à¤•à¥à¤¯à¥‚टिव डायरेकà¥à¤Ÿà¤° मà¥à¤¨à¥€à¤œà¥‡ बानो के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° कहे तो यह तो सिरà¥à¤« हिमखंड का सिरा है. अगर मदरसों के अनà¥à¤¦à¤° रहकर देखें तो हालात इतने खराब है कि शोषित बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की संखà¥à¤¯à¤¾ सैंकड़ों हजारों में मिल जाà¤à¤—ी. वहां पर मानवाधिकार मामलों के वकील सैफ उल मà¥à¤²à¥à¤• ने à¤à¤• बार कहा था कि मà¥à¤²à¥à¤²à¤¾à¤“ं से आज हर कोई घबराता है. उन पर यौन दà¥à¤°à¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° का आरोप लगाने का मतलब है कि नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ दà¥à¤°à¥à¤²à¤ बन जाà¤à¤—ा. गरीब डर जाते हैं, वे कà¥à¤› नहीं कहते. पà¥à¤²à¤¿à¤¸ मà¥à¤²à¥à¤²à¤¾à¤“ं की मदद करती है. पà¥à¤²à¤¿à¤¸ गरीबों की मदद नहीं करती और गरीब à¤à¥€ इस बात को जानते हैं, इसीलिठवो पà¥à¤²à¤¿à¤¸ के पास जाते ही नहीं हैं.षॠऔर à¤à¤¸à¥‡ à¤à¤• या दो दरà¥à¤œà¤¨ मामले नहीं हैं. सैकड़ों हैं. धरà¥à¤® की राजनीति में पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° आरोपी मौलवियों के कà¥à¤•à¤°à¥à¤® धà¥à¤² जाते हैं.
राजीव चौधरी
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